बिजनस सॉल्युशन वो भी हिन्दी में, एक सपने से कम नहीं!
भारत के कर्मचारियों के लिए अपने व्यावसायिक कार्य हिन्दी में कर पाना सही मायने में एक स्वप्न जैसा ही है. स्वतंत्रता के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकृति देते हुए अंग्रेज़ी के स्थान पर हिन्दी को व्यवहार में लाने पर बल जरूर दिया था, लेकिन यह सपना पूरा हो पाएगा, इसका शायद संविधान सभा को भी संपूर्ण आभास नहीं था. कार्यालयों में कंप्यूटर और आईटी के हस्तक्षेप के बाद से थोड़ी बहुत जो आशाएं थी वे भी धूमिल होने लगी.
63 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद हिन्दी को लेकर बुना गया यह सपना अब सच होने की कगार पर है. यह सौगात विजनस सॉल्युशन उपलब्ध कराने वाली अग्रणी कंपनी एसएपी लेकर आई है. एसएपी का सबसे प्रमुख उत्पाद ईआरपी अब हिन्दी में भी उपलब्ध होगा. हिन्दी भाषा में उपलब्ध यह पहला व्यावसायिक सॉफ़्टवेयर है और इसकी खास बात यह है कि हिन्दवासी इस उत्पाद के जरिए अपने व्यावसायिक कार्य अपनी राजभाषा हिन्दी में कर पाएंगे. इसके अंतर्गत कर्मचारी स्वंय सेवा (ईएसएस), मानव संसाधन, वित्त, अधिप्राप्ति (प्रोक्युर्मेन्ट), विक्रय और वितरण जैसे एसएपी के कई विविध एप्लिकेशन में हिन्दी में व्यावसायिक कार्य करना संभव हो पाएगा. यही नहीं वेतनपर्ची, फ़ॉर्म 16, क्रय ऑर्डर, विक्रय इनवॉइस जैसे महत्वपूर्ण रिपोर्ट हिन्दी में देखे और प्रिंट किए जा सकेंगे. इसके अतिरिक्त, कर्मचारी ईएसएस में अपनी निजी जानकारी हिन्दी में दर्ज कर सकेंगे और उन्हें हिन्दी में देख सकेंगे.
वेतन पर्ची के हिन्दी में उपलब्ध होने से कई अबुझ पहेलियां सुलझ जाएंगी जिन्हें अंग्रेज़ी भाषा में हाथ तंग होने के कारण समझ पाना टेढ़ी खीर थी. आयकर में छूट पाने के लिए, चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावे करना सरल हो जाएगा. क्रय ऑर्डर, विक्रय ऑर्डर, इनवॉइस जैसे रिपोर्ट के हिन्दी में उपलब्ध होने से आम उपयोगकर्ता के लिए व्यवसाय को समझना अब और भी असान हो जाएगा.
आज जहां व्यवसाय से संबंधित सभी कार्य सॉफ़्टवेयर पर निर्भर हैं, हर एक व्यक्ति के लिए सॉफ़्टवेयर पर कार्य करना अनिवार्य हो गया है. सॉफ़्टवेयरों की हिन्दी भाषा में अनुपल्ब्धता आम उपयोगकर्ता को हमेशा खलती रही है. लेकिन कोई विकल्प न मिलने के कारण हिन्दी भाषी, अंग्रेज़ी सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर अपने व्यावसायिक कार्य हिन्दी के बजाय अंग्रेजी में करने के लिए बाध्य थे. एसएपी ने इस बाध्यता को तोड़कर आम उपयोगकर्ताओं के लिए सफलता का एक द्वार खोला है. एसएपी की पहल सराहनीय है, आम हिन्दी भाषी उपयोगकर्ता होने के कारण मैं इस पहल की गरिमा की अनुभूति कर सकता हूं, क्योंकि हिन्दी मात्र एक भाषा नहीं, यह हमारी पहचान है.
मानवेंद्र गुप्ता
अनुवाद विशेषज्ञ I ग्लोबलाइजेशन सर्विसेस
SAP लैब्स इंडिया I 138, ईपीआईपी, व्हाइटफ़ील्ड, बैंगलोर, भारत
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